Aadhi Raat Aur Boodhha Chand
Aadhi Raat Aur Boodhha Chand
Rajender Raj
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बूढ़ा चाँद थक कर सो गया है आस्माँ नींद में खो गया है मैं एक सदी से बैठा रहा तुम्हारी मोहब्बत के इन्तिज़ार में। - 'आधी रात और बूढ़ा चाँद' लमहों की सर्द छाँह में जब देह ठिठुरने लगी होगी मेरी आवाज की धूप को आँगन में उतरते देखकर आँचल हवा में लहराया होगा तबस्सुम लबों पे आया होगा। - 'मेरा ख़त' बेक़रार रूह को छूकर ज़िन्दगी का सबब बताती हो मधुर सुगन्धित सामीप्य से मुझे पूरा कर जाती हो। - 'जब तुम मुस्कराती हो' माहताब की मोहक कलाएँ जो तुम्हारे रूप की मरीचिका हैं जिस्म के समन्दर में मोहब्बत की झील को पाया है। - 'चन्द एहसास' दरवाजे पर एक गुलाब हौले से दस्तक देगा पंखुड़ियों पर लिखा होगा ख़ामोश-सा एक अफ़्साना मैंने दिल से याद किया है तुम्हें हैप्पी वेलेन्टाइन्स डे। - 'हैप्पी वेलेन्टाइन्स डे'
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Rajender Raj
