Adolf Hitler
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Vimla Devi
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"एक समय ऐसा आएगा, भले ही देर में आए जब हमारे सामने केवल दो विकल्प होंगें। प्रथम-आधुनिक विचारों के अनुसार प्रजातंत्र शासन प्रणाली को अपनाया जाएगा और प्रत्येक फैसला बहुमत के आधार पर शक्तिशाली जातियों के पक्ष में किया जाएगा। द्वितीय-या फिर प्रकृति द्वारा प्रदत्त शक्ति का शासन होगा। उस स्थिति में अधिक निमर्म इच्छा रखने वाले राष्ट्र ही विजयी होंगे न कि आत्म त्याग की नीति का अनुसरण करने वाले। जिस प्रकार निरन्तर संघर्ष से मनुष्य महान् बना है, उसी प्रकार निरन्तर शान्ति की उपासना से उसका पतन भी अनिवार्य है।" "प्रकृति राजनीतिक सीमाएँ नहीं जानती, वह इस पृथ्वी पर जीवन स्थापित करने से प्रारम्भ करती है और तब शक्तियों की मुक्त क्रीड़ाओं को देखती है। वह श्रेष्ठ, उत्साही और परिश्रमी व्यक्तियों को ही अपनी संतान मानती है और उन्हें ही जीने का अधिकार देती है।" "मेरी गरीबी तथा साधनहीनता को तो आसानी से अनदेखा किया जा सकता है, किन्तु मेरा अज्ञान तो खटकने वाला दोष था। मेरा अज्ञान मेरी एक अत्यन्त कठिन समस्या थी। मैं उन लोगों में से एक था जिसे भाग्य भले ही जीने की छूट दे, परन्तु पड़ोसी तो कभी जीने नहीं देगा। एक अन्य कठिनाई यह भी कि मैंने पाठशाला में नियमित शिक्षा नहीं पाई थी।"
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