Bharat Ka Gaurav : K.S.Thimayya
Bharat Ka Gaurav : K.S.Thimayya
Rampal Singh
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थिमैया को कुमायूँ रेजीमेंट से विशेष प्यार था। वह इसके कर्नल रह चुके थे। उन्होंने अपनी सैन्य सेवा के अंतिम दिन अपनी ड्रेस पहनकर कुमायूँ रेजीमेंट में रानीखेत में व्यतीत किया। उन्होंने रेजीमेंट के कल्याण एवं भूतपूर्व सैनिकों एवं विधवाओं की सहायतार्थ कुछ बातें लागू करने को कहा। उन्होंने गोविंद वल्लभ पंत को सलाह देकर, जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, रेजीमेंट के लिए 550 एकड़ भूमि कमोला' नैनीताल के निकट रेजीमेंटल फार्म के लिए दिलवाई। यह फार्म बाद में थिमैया बाग के नाम से जाना गया, जिसकी आय से कुमायूँ रेजीमेंट स्कूल, वार मेमोरियल, होटल, विधवाओं को सहायता तथा कुमायूँ सैनिकों के बच्चों की सहायता की गई। जब वह दिल्ली में थे. अपने साथियों एवं कूटनीतिज्ञों के साथ इस फार्म पर अवकाश व्यतीत करने के लिए पहुँचते थे। सैन्य सेवा से अवकाश प्राप्त करने के बाद वे मरीकेरी अपने घर पहुँचे। उनके साथ उनकी पत्नी नीना तथा पुत्री मिरेली थी। सन् 1962 युद्ध की दुर्घटना के बाद सरकार ने सैन्य परिषद गठित करने का निश्चय किया, जो सरकार को सेना एवं सुरक्षा के बारे में सलाह दे। उसमें 31 सदस्य थे। उनमें से एक थिमैया भी थे। प्रथम मीटिंग में थिमैया को अपने विचार प्रकट करने को कहा। थिमैया ने परिषद के समक्ष ट्रप्स को आनेवाली कठिनाइयों से अवगत कराया। परंतु उन्हें जल्दी ही पता चल गया कि सरकार उनके अनुभव का लाभउठाना नहीं चाहती।
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Rampal Singh
