Bharat Ka Krishi Pashupalan Bhugol
Bharat Ka Krishi Pashupalan Bhugol
Virender Singh
SKU:
कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का मेरुदण्ड है। जहां एक ओर यह प्रमुख रोजगार प्रदाता क्षेत्र है। वहीं सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। देश की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या अपनी आजीविका हेतु कृषि पर ही निर्भर है। कृषि के माध्यम से खाद्यान्न तो उपलब्ध होता ही है, साथ ही अनेक प्रमुख उद्योगों के लिए कच्चा माल भी उपलब्ध होता है (सूती वस्त्र उद्योग, जूट उद्योग, चीनी उद्योग, चाय उद्योग, सिगरेट उद्योग और तम्चाकू उद्योग, आदि)। कृषि राष्ट्रीय आय का एक प्रधान स्रोत है। कृषिजन्य उत्पाद व्यापार (राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय) का एक अभिन्न एवं प्रमुख हिस्सा है। भारत द्वारा चाय, कपास, तिलहन, मसाला, तम्बाकू आदि का विश्व-व्यापार होता है। कृषिजन्य उत्पादों के आंतरिक व्यापार से परिवहन कर और अंतरराष्ट्रीय व्यापार से तटकर की आय में वृद्धि होती है, जो अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए नितांत आवश्यक है। कृषि संपूर्ण राष्ट्र को प्रभावित करती है। कृषि उत्पादन मुद्रास्फीति दर पर अंकुश रखता है, उद्योगों की शक्ति प्रदान करता है, कृषक आय में वृद्धि करता है तथा रोजगार प्रदान करता है। कृषि का आर्थिक महत्व के साथ साथ सामाजिक महत्व भी है। यह क्षेत्र निर्धनता उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है क्योंकि इस क्षेत्र में अधिकांश निर्धन लोग ही कार्यरत हैं और यदि कृषि क्षेत्र का विकास होगा तो निर्धनता भी स्वतः समाप्त हो जायेगी।
Couldn't load pickup availability
Share
Binding
Binding
Hard Cover
Author
Author
Virender Singh
