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Bhartiya vayusena Pramukh

Bhartiya vayusena Pramukh

Rampal Singh

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भारतीय वायु सेना में अधिकारी एवं अन्य रैंक की संख्या 1,70,000 है तथा 1500 एयर क्राफ्ट हैं। यह विश्व की चतुर्थ सब से बड़ी वायु सेना है। अमेरिका, चीन व रूस के बाद इसका स्थान है। भारतीय वायु सेना को सन् 1951 में राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा ध्वज प्रदान किया गया। ध्वज का नीला तथा उसके एक-चौथाई भाग में तीन रंग वाला राष्ट्रीय ध्वज गोलाकार आकृति लिये हुए है। भारतीय वायु सेना में महिलाओं को उचित स्थान प्रदान किया गया। श्रीमती पद्मावती बंदोपाध्याय सर्वप्रथम महिला थीं जो एयर मार्शल पद पर पहुँचीं। उन्होंने एविएशन मेडीसन में विशेषज्ञता प्राप्त की। भारतीय वायु सेना में 'मिराज 2000' फ्रांस में निर्मित केवल एक सीट का बहुमुखी उद्देश्य का लड़ाकू जेट विमान है। उसमें एक इंजन होता है जिसकी रफ्तार 2495 कि. मी. प्रति घंटा होती है। संयुक्त राष्ट्र शाति मिशन की सहायता हेतु 1 अक्टूबर, 1993 से 21 दिसंबर, 1994 तक सोमालिया में शांतिरक्षक कर्तव्य का पालन किया। भारतीय वायु सेना ने दौलत वेग ऑल्डी हवाई पट्टी (लद्दाख) पर उतरकर विश्व का रिकॉर्ड बनाया। इस हवाई पट्टी की ऊँचाई 16,614 फीट है। यह घटना 20 अगस्त, 2013 की है। भारतीय वायु सेना के ट्रांसपोर्ट वायुयान ने सन् 1984 मेघदूत ऑपरेशन द्वारा सियाचिन ग्लेशियर में सैकड़ों भारतीय टुप्स की जान की सुरक्षा कर उन्हें बर्फीले तूफान से बचाया।

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Author

Rampal Singh

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