Bhay Se Bachav Ke Tarike
Bhay Se Bachav Ke Tarike
Rajender Pandey
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आजकल तो साइंस या विज्ञान का जमाना है और विज्ञान कहता है कि भूत-प्रेत जैसी कोई चीज नहीं होती है लेकिन एक समय था जब हमारे देश के लोग भूत-प्रेत और जादू टोने के अंध-विश्वासों में बुरी तरह से जकड़े हुए थे। यद्यपि आज भी भारतवासी इस प्रकार के अंधविश्वासों से पूरी तरह मुक्त नहीं हो पाए हैं लेकिन अब भूत-प्रेतों का भय हमारे देश को उतना नहीं सताता जितना कि आज से बीस-पच्चीस वर्ष पहले या चालीस-पचास वर्ष पहले सताया करता था। बच्चे और महिलाएँ वैसे भी मासूम और कोमल स्वभाव भी होती हैं। क्रूरता और हैवानियत देखकर उनको घबराहट होती है। इस भय के और भी कई कारण हैं जो पुस्तक में विस्तारपूर्वक बताए गए हैं, उन भय के कारणों की पड़ताल, उनके दुष्परिणाम और उन भय से बचाव के तरीके सभी सरल और सुबोध भाषा शैली में समझाए गए हैं ताकि पाठक आसानी से उन भय कारणों को जानकर उनसे अपना बचाव कर सके।
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Hard Cover
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Rajender Pandey
