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Bhojpuri Lokgitika

Bhojpuri Lokgitika

Shrimati Soondree Ramsurr

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मॉरिशस के प्रसिद्ध लेखक प्रहलाद रामशरण की माताजी श्रीमती सुन्दरी रामशरण द्वारा संकलित 'भोजपुरी लोकगीतिका' मॉरिशसीय भोजपुरी लोक साहित्य का एक अनमोल ग्रन्थ है। इसमें माता सुन्दरी रामशरण ने पुत्र जन्म पर गाये जाने वाले सोहर के अनेक गीतों से प्रारम्भ किया है, फिर मुंडन, नामकरण, जनेऊ आदि से होते हुए वर-कन्या संवरण, तिलक, मण्डप स्थापन, परछावन, सिन्दूर दान तक के गीतों को बडी लगन से सजोया है। बारात के आगमत्त एवं वर-वधु से सम्बन्धित अनेक गीत हैं जिनकी तुलना में सीता-राम, शिव-पार्वती के विवाहों के भी वर्णन हुए है। डॉ. कुबेर मिश्र ने प्रत्येक गीत का भावार्थ एवं टिप्पणी देकर इन गीतों में चार चाँद लगा दिया है। 'भोजपुरी लोकगीतिका ग्रन्थ में जन्मोत्सव, नामकरण, मुण्डन, जनेऊ हरदी लेपन, विवाह और विदाई के गीत हैं। जन्मोत्सव गीतों में ललना भी है और इन गीतों में ललना शब्द की आवृत्ति होती रहती है। पुत्र के जन्मोत्सव के अवसर पर उल्लास को अभिव्यक्त करने वाले गीतों के कनथ में विविधता होती है। सोहर गीत की रचना शैली अक्सर परंपरा से जुडी रहती है। मागलिक गीतों के अंत में वर-कन्या की विवाहेच्छा, कन्या के पिता द्वास वर ढूँढने की समस्या, तिलक, मण्डप का निर्माण, विवाह, सिन्दूर दान तथा वर की बारात यात्रा आदि का वर्णन होता है। विवाह गीतों में अक्सर शिव, राम और कृष्ण जहाँ वर के प्रतीक होते हैं. वही पार्वती, सीता और राधिका, वधू का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये गीत मॉरिशस के जनजीवन के मानस में प्रचलित उनकी भावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं जो विविध अवसरों पर गाये जाते हैं।

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Hard Cover

Author

Shrimati Soondree Ramsurr

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