Dakshin Dhruv Vijay
Dakshin Dhruv Vijay
Paul Siple
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जिन लोगों ने भारत की यात्रा नहीं की, उनमें से बहुतेरे यह समझा करते हैं कि भारत केवल उष्ण कटिबंध का गरम देश है। पर बारीकी से देखने वालों को पता है कि भारत के उत्तरी प्रदेश के ऊँचे बर्फानी पर्वत-शिखरों पर धुव-प्रदेश जैसी अवस्थाएँ रह्ती हैं और भारत का दक्षिणी भाग हिन्द-महासागर के पार स्थित दक्षिणी ध्रुव महाद्वीप के ठीक सामने पड़ता है। ध्रुवीय प्रदेशों का असर भारत पहुँचता रहता है। इसके लिए भारतीय वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों को दक्षिणी ध्रुव महाद्वीप के विषय में स्वभावत: दिलचस्पी है और इसी दिलचस्पी के कारण भारत के स्वर्गीय मौसम-शास्त्री लेफ्टीनेंट रामचारण ने दक्षिणी ध्रुव की यात्रा की थी। वैज्ञानिक घटनाओं का स्वरूप समझने के लिए जहाँ औसत दर्जे की अवस्थाओं का अध्ययन आवश्यक है, वहाँ बहुत बार बिल्कुल परले दर्जे प्रचंड सर्दी-प्रचंड गर्मी की दशाओं को जानना भी जरूरी होता है। भारत के अधिकतर निवासी उष्ण या समशीतोष्ण प्रदेशों में रहते हैं, पर अधिक प्रचंड वातावरण के जीवन का वर्णन पढ़कर वे अपने जीवन को और अधिक अच्छी तरह समझ सकेंगे। पुस्तक में पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुव का साक्षात् वर्णन तथा इस निर्जन बर्फानी प्रदेश में सबसे पहले जीवन बिताने वाले मनुष्यों का जो वृतांत प्रस्तुत किया गया है उससे हमारे भूमंडल के इस अनोखे स्थान का स्पष्ट चित्र देखा जा सकता है।
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Paul Siple
