Drishti nahi Drishtikon Mehtavpuran Hai
Drishti nahi Drishtikon Mehtavpuran Hai
R. Pandey
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लेनिन का कहना है कि दृष्टिकोण जिस व्यक्ति का सकारात्मक होता है, उसको अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में सफलता अवश्य मिलती है। ऐसे लोगों से त्रुटियाँ होती भी हैं तो वे अपनी त्रुटियों को समय रहते ही ठीक कर लेते हैं। आप अपनी दृष्टि से अधिक दृष्टिकोण को महत्त्व दें और जब देखें ध्यान से देखें ताकि आप छुपी कमियों को भी आसानी से देख सकें। दृष्टिकोण का मतलब होता है सोचने, समझने और देखने का ढंग। आपका दृष्टिकोण जितना ही सकारात्मक होता है आप अपने कार्य में उतनी ही शीघ्रता से उन्नति करते हैं और दूसरों के हित में भी काम करते हैं। आपने कई व्यक्तियों को यह कहते हुए सुना ही होगा कि उसका दृष्टिकोण ही ऐसा है कि वह चीजों को बहुत जल्दी ही समझ लेता है और अपने लक्ष्य को बड़ी सहजता से हासिल कर लेता है। प्रस्तुत पुस्तक में कुछ ऐसी ही बातों का उल्लेख हुआ है, जिन्हें पढ़ने के बाद आप असफलता को सफलता में बदल सकते हैं।
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R. Pandey
