Faiz Ki Chininda Shayari
Faiz Ki Chininda Shayari
Devendra Manjhi
SKU:
यह दौर अस्थिरता का दौर था। द्वितीय विश्व युद्ध की आग भड़की हुई थी। फौज में नौजवान सैनिकों और अधिकारियों की माँग बढ़ रही थी। अवसर देखकर फैज़ अहमद फैज़ ने भी शिक्षण-क्षेत्र को अलविदा कहकर फौज का रुख किया और 1942 में कैप्टन के पद पर भर्ती होकर लाहौर से दिल्ली आ गए। 1943 में वे कैप्टन से मेजर तथा 1944 में मेजर से कर्नल बन गए लेकिन 1947 में फौज से उनका मोह भंग हो गया। तब वे इस्तीफा देकर वापस लाहौर लौट गए। इस बीच देश का विभाजन हुआ और एक हिस्से के रूप में पाकिस्तान अस्तित्व में आया। पाकिस्तान बनने के बाद एक ऐसी घटना घटित हुई जिससे फैज़ अहमद की जिंदगी खतरे में पड़ गई लेकिन वे बच निकले और इस घटना ने उनकी शोहरत को बुलंदियों पर पहुँचा दिया। उस समय चौधरी लियाकत अली खाँ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे। फैज़ अहमद फैज़ पर आरोप लगा कि वे फौज के अधिकारियों से साँठ-गाँठ करके चौधरी लियाकत अली का तख़्ता पलटने की साजिश रच रहे हैं। लिहाजा, 1951 में उन्हें दो फौजी अधिकारियों सहित 'रावलपिंडी साजिश' केस में गिरफ्तार कर लिया गया।
Couldn't load pickup availability
Share
Binding
Binding
Hard Cover
Author
Author
Devendra Manjhi
