Global Warming:Samasya Aur Samadhan
Global Warming:Samasya Aur Samadhan
Dr. Pushap Raj Gautam
SKU:
वर्तमान में विश्व ग्लोबल वार्मिंग के सवालों से जूझ रहा है। इस सवाल का जवाब जानने के लिए विश्व के अनेक देशों में वैज्ञानिकों द्वारा प्रयोग और खोजें हुई हैं। उनके अनुसार अगर प्रदूषण फैलने की रफ्तार इसी तरह बढ़ती रही तो अगले दो दशकों में धरती का औसत तापमान 0.3 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक के दर से बढ़ेगा। यह चिंताजनक है। तापमान की इस वृद्धि में विश्व के सारे जीव-जंतु बेहाल हो जाएंगे और उनका जीवन खतरे में पड़ जाएगा। सागर के आस-पास रहने वाली आबादी पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। जल स्तर ऊपर उठने के कारण सागर तट पर बसे ज्यादातर शहर इन्हीं सागरों में समा जाएंगे। पारिस्थितिक संकट से निपटने के लिए मानव को सचेत रहने की जरूरत है। दुनिया भर की राजनीतिक शक्तियाँ इस बहस में उलझी हैं कि किसे जिम्मेदार ठहराया जाए। अधिकतर राष्ट्र मानते हैं कि उनकी वजह से ग्लोबल वार्मिंग नहीं हो रही है। लेकिन सच यह है कि इसके लिए कोई भी जिम्मेदार हो, भुगतना सबको है। यह बहस जारी रहेगी लेकिन ऐसी कई छोटी पहल हैं जिसे अगर हम शुरू करें तो धरती को बचाने में बूंद भर योगदान कर सकते हैं। इन्हीं पहलुवों को पुस्तक में सरल ढंग से बताया गया है।
Couldn't load pickup availability
Share
Binding
Binding
Hard Cover
Author
Author
Dr. Pushap Raj Gautam
