Jaanwaron Ki Boli Bolne Wala Anokha Doctor
Jaanwaron Ki Boli Bolne Wala Anokha Doctor
Hugh Lofting
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डाक्टर डू लिटिल को पोलिनेशिवा की बातें मजेदार लग रही थी। बोले वाह पालिनेशिया, फिर देर किस बात की। तुम मेरे गुरु बन जाओ। अगर मैं पशु-पक्षियों की बोलियाँ सीखकर उनका इलाज कर सका तो मुझे खुशी होगी। वैसे भी मुझे पशु पक्षियों के साथ रहना अच्छा लगता है।" बस, उसी दिन से पालिनेशिया तोता डाक्टर डू लिटिल को जानवरों की बोलियाँ सिखाने लगा। शुरू-शुरू में उन्हें कुछ कठिनाई अवश्य हुई पर वे मन लगाकर सीखते रहे। उन्होंने पक्का निश्चय कर लिया था कि वह हर पशु-पक्षी से उसकी बोली में बात कर सकने वाले डाक्टर बनकर रहेंगे। इस तरह गुरु पोलिनेशिया अपने शिष्य बने डाक्टर डू लिटिल को जानवरों की बोलियाँ सिखाता रहा और फिर एक दिन डाक्टर डू लिटिल के दरवाजे पर एक नया बोर्ड लगा दिखाई दिया, उस पर लिखा था- डाक्टर डू लिटिल जानवरों के डाक्टर
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Hugh Lofting
