Skip to product information
1 of 1

Jharokha Bachpan Ka

Jharokha Bachpan Ka

Dr. Lal Bahadur Singh Cha

SKU:

‘झरोखा बचपन का’ उस रूप में बाल-कविताओं का संग्रह नहीं है जिस रूप में प्राय: ऐसे संग्रह मिलते हैं। दरअसल यहाँ कवि जिस झरोखे से झाँककर बचपन को दुलारता, निखारता, सजाता और सँवारता है। वह झरोखा उसके लिए अपरिचित नहीं। इस झरोखे से वह दिक् और काल के अंतराल की अपनी सहज साधना के द्वारा बेधता हुआ अपने बचपन को पुन:-पुन: साधता और अन्तत: सिद्ध कर लेता है। यहाँ बचपन का वह सम्पूर्ण परिवेश मौजूद है जिसे कवि ने जिया और भोगा था। यह परिवेश और उस परिवेश की सोंधी महक और चमक ही दरअसल इन रचनाओं की धुरी है। यह कवि अन्य कवियों की तरह बचपन को उकेरता नहीं, उसे घूँट-घूँट कर पीता है। इसीलिए जहाँ कवि इन रचनाओं को जन्म देता है वहाँ ये रचनाएँ भी कवि को शिशुता का प्राण-रस प्रदान करती हैं। आज के इस दौर में जबकि हमारा समूचा समाज सरोकारों से टूट कर खोखला होता जा रहा है, उपभोक्ता मे बदल गया । मनुष्य किसी उन्मादी के तरह उत्तेजना की तलाश में छ्टपटा रहा है, तब यह ‘बचपन का झरोखा’ उसे भी सहज बना सकने में सक्षम है, ऐसा विश्वास है।

Quantity
Regular price INR. 495
Regular price Sale price INR. 495
Sale Sold out
Shipping calculated at checkout.

Binding

Hard Cover

Author

Dr. Lal Bahadur Singh Cha

View full details