Kaun Royega Jab Aap Maroge
Kaun Royega Jab Aap Maroge
Dr.Pavitra Anand Sharma
SKU:
इंसान का जीवन तभी सार्थक होता है जब वह अपने द्वारा दूसरों का भला करे। तन की शक्ति को परोपकार में लगाने से तन सार्थक होता है, धन की शक्ति को परोपकार में लगाने से धन सार्थक होता है। आइए, हम भी जहाँ तक हो सके अपने आपको इसी तरह परोपकारी बनाने की कोशिश करें ताकि जब हमारा शरीर छूटे या हमारी मृत्यु आए तो हम अपने आप पर गर्व कर सकें, अपने जीवन पर गर्व कर सकें। लोग हमारे मरने पर हमारी गौरवपूर्ण जिंदगी को याद रख सकें। हमारे निधन पर उनकी आँखों में आँसू आ सकें, वरना वरना पाठको, इस दुनिया में भला कौन किसी की मृत्यु पर रोता है। कौन किसी के शव या अरथी पर आँसू बहाता है। प्रतिदिन संसार में हजारों लोगों की अरथियाँ उठती हैं, लेकिन उन सबसे हमको कोई मतलब या लेना-देना नहीं होता। जिन लोगों के बारे में हम सुनते हैं कि उन्होंने अपने देश तथा समाज की भलाई के लिए बहुत कुछ किया है, रात-दिन मेहनत करके दूसरों का जीवन सँवारा है। परहितार्थ अपना सब कुछ त्याग किया है, तो ऐसे लोगों की मृत्यु पर हमको अफसोस होता है। वे लोग अगर साधारण या गरीब भी हों, तो भी उनकी मृत्यु की खबर सुनकर हमारी आँखों में आँसू आ जाते हैं।
Couldn't load pickup availability
Share
Binding
Binding
Hard Cover
Author
Author
Dr.Pavitra Anand Sharma
