Kya Karein Jab Swayam se Baat Karein
Kya Karein Jab Swayam se Baat Karein
Dr. Pavitra Kumar Sharma
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आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में आदमी सब कुछ पाने की चाह मन में रखते हुए भी अपना बहुत कुछ खो बैठता है। पाश्चात्य जगत् की अंधी दौड़ में शामिल होकर इंसान ने अपने निजी अस्तित्व को, अपने प्राचीन मूल्य एवं गौरवशाली परंपराओं को भुला दिया है। इंसानों की भीड़ में वह खुद को खो चुका है। जब इंसान अपने अस्तित्व को, अपनी परंपराओं को भूल जाता है तो यही उसकी जिन्दगी की सबसे बड़ी हार होती है। अब तक हमने दूसरों से विभिन्न विषयों की बातें तो बहुत कीं और कर भी रहे हैं लेकिन आइए, अब हम खुद से ही खुद की बातें करेंगे। जब हम खुद से बातें करेंगे, तब हमें खुदा या ईश्वर भी आसानी से मिल जाएगा। खुद से या स्वयं से वार्तालाप करने का मतलब है, अपने मूल अस्तित्व से, अपनी अंतरात्मा से खुद को जोड़ना और जब इंसान अपनी शाश्वत अमर सत्ता से जुड़ जाता है तो वह खुद को अमर-अविनाशी महसूस करता हुआ जीवन का चरम सुख या आनंद प्राप्त करता है। स्वयं से बातें करना क्यों जरूरी है और उससे क्या-क्या लाभ प्राप्त होते हैं, इस सबकी चर्चा इस पुस्तक में की गई है तथा खुद से बातें करने की एक ऐसी सहज प्रणाली समझाई गई है जिसको धारण करके हम अपना जीवन सफल कर सकते हैं या अपनी जिन्दगी को सार्थकता प्रदान कर सकते हैं। मनुष्य स्वयं से बातें करके ही स्वयं से जुड़ सकता है और खुद से जुड़कर वह खुदा या परमेश्वर को पा सकता है।
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Hard Cover
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Dr. Pavitra Kumar Sharma
