Manovigyan Prashnottri
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मनोविज्ञान की प्रक्रिया का वर्णन करने से पहले यह जान लेना आवश्यक है कि मनोविज्ञान मानव जीवन के विचार- धारणाओं और उनकी क्रियात्मक स्वरूपों का अध्ययन करता है तथा मानव जीवन के सभी पहलुओं का अध्ययन करते हुए सुख-दुख को सहन करने की क्षमता प्रदान करता है। मनोविज्ञान के जो आधार मिलते हैं वह मौलिक अवधारणओं से परिपूरित होते हैं। इस प्रकार इनके जैविक तथा सामाजिक आधार भी होते हैं। इसलिए, स्वभावत: इनके अध्ययन की विधियाँ अलग-अलग होती है, क्योंकि वे उस तथ्य पर निर्भर करती हैं जिसका अध्ययन करना है। किसी भी विद्या की परिभाषा इस बात पर निर्भर करती है कि वह किन बातों का तथा कैसे उनका अध्ययन करती है। वास्तव में, वह कैसे अथवा किन विधियों का उपयोग करती हैं, इसी बात को ध्यान रखते हुए, औपचारिक रूप से मनोविज्ञान को मानसिक प्रक्रियाओं, अनुभवों एवं विभिन्न संदर्भों में व्यवहारों का अध्ययन करने वाले विज्ञान के रूप में परिभाषित किया जाता है। ऐसा करने के लिए मनोविज्ञान जैविक तथा सामाजिक विज्ञानों की विधियों का उपयोग व्यवस्थित ढ़ंग से प्रदत्त प्राप्त करने के लिए करता है।
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