Naach Chirayia Ta-Ta Thaiya
Naach Chirayia Ta-Ta Thaiya
Krishan Shalabh
SKU:
हर दिन आंगन में या छ्त पर जब तुम चिड़िया को फुदकते देखते हो तो तब तुम्हारा मन उससे उसका नाच देखने को करता है और तब यही कहते हो तुम “नाच चिरैया...आगे फिर वही कविता ता-ता थैया। ‘नाच चिरैया, ता-ता-थैया’ की संकलित कविताओं में तुम ही चिड़िया हो तुम ही कविता हो यानी हर कविता में तुम्हारा अपना संसार तुम्हारी बातें तुम्हारी अपनी कल्पनाएं तुम्हारे दुख-सुख और तुम्हारा आनंद। इनके बीच से गुजरने पर तुम्हें महसूस होगा अरे यह तो हमारी अपनी कविताएं हैं। जी हां बिल्कुल यह बात सौ फीसदी सच है कि बिल्कुल यह कविताएँ तुम्हारी ही हैं जिनके सारे रंग सारे जादू तुम्हारे हैं । बस लेखक ने तो इतना भर किया है कि इन्हें शब्द्बद्ध कर दिया है और चित्रकार ने इन्हें अपने चित्रों से सुसज्जित कर दिया है।
Couldn't load pickup availability
Share
Binding
Binding
Hard Cover
Author
Author
Krishan Shalabh
