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Pakistan Sena Ka Aatmsamrpan (Bangladesh Yuddh 1971)

Pakistan Sena Ka Aatmsamrpan (Bangladesh Yuddh 1971)

R. P. Singh

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भारतीय सेना ने पूर्वी सीमा पर बांग्लादेश को स्वतंत्र करा कर जो विजय प्राप्त की, वह इस उपमहाद्वीप की एक ऐतिहासिक घटना थी। भारत ने शांति स्थापित करने के लिए उपमहाद्वीप में कूटनीति का सहारा लिया। भारत सेना बांग्लादेश से मार्च 1972 में वापस भारत आई, जब वहाँ सब कुछ सामान्य रूप से चालू हो गया। भारतीय प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ढाका पहुँचीं और बांग्लादेश के साथ सहयोग, शांति, मित्रता के लिए 19 मार्च, 1972 को शेख मुजीबुर्रहमान के साथ एक संधि पर हस्ताक्षर किए। इस युद्ध के बाद भारत और पाकिस्तान की पहली मुलाकात 26 अप्रैल, 1972 को भारत के प्रधानमंत्री व पाकिस्तान के राष्ट्रपति के बीच 'मुरी' में हुई। भारत की पहल पर दोनों देशों की समस्या हल होने की आशा बढ़ी। 14 दिन की लंबी लड़ाई में पाकिस्तान की हार के कई कारण थे। प्रथम कारण पाकिस्तान को यह युद्ध जीतने के लिए शक्तिशाली पाक वायु सेना की आवश्यकता थी जो भारत के मुकाबले कमजोर साबित हुई। पाकिस्तान की वायु सेना प्रारंभ में अचानक आक्रमण कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना चाहती थी और उसने किया भी लेकिन वह भारत में गहराई तक अंदर पहुँच कर आक्रमण करने में विफल रही। पाकिस्तान की वायु सेना अपनी आर्मी को सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाई जबकि उसके पास अच्छे एयर क्राफ्रट थे। पाकिस्तान अपने युद्धक विमान इस युद्ध में खोना नहीं चाहता था। पूर्वी पाकिस्तान में उसके पास अपनी वायु सेना बहुत ही कमजोर हालत में थी।

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Author

R. P. Singh

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