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Paramveer Chakra Vijeta

Paramveer Chakra Vijeta

Rampal Singh

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राष्ट्र की सेवा करने के कई तरीके हो सकते हैं। उनमें से एक है राष्ट्र की सुरक्षा करना, भारतीय सेना में भरती होकर सरहदों पर पहरेदारी करना। जब राष्ट्र सोता है तब वे लोग जागते हैं तब जाकर कहीं मुल्क सुरक्षित रह पाता है। अगर हमारे पास सम्पत्ति का विशाल भंडार है लेकिन पड़ोसी जब चाहे हमारे यहाँ आकर सब कुछ उठाकर ले जाए तब परिश्रम द्वारा अर्जित की गई सम्पत्ति व्यर्थ है। अतः पहले सुरक्षा-प्रबंध होना चाहिए। हमारे सैन्यकर्मी अनुशासित तरीके से चौबीस घण्टे (दिन-रात) देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हैं। अतः शत्रु सीमा में प्रवेश करने का प्रयत्न करता है, वे उसे अपनी जान पर खेलकर रोकते हैं। कभी-कभी सरहद पर भयंकर युद्ध हो जाता है जैसा कि हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने सन् 1947, 65,71,99 में किया तथा चीन द्वारा सन् 1962 में भारी तोपखाने के साथ देश पर आक्रमण किया गया। ऐसे समय में भारतीय सैन्यकर्मी पड़ोसी मुल्क से युद्ध करते हुए शहीद हो जाते हैं। जो सैनिक देश की सुरक्षा में तैनात हैं, शासन एवं समाज को चाहिए कि उनके परिवार की सुरक्षा एवं सम्मान को खतरा न हो। भारत सरकार द्वारा ऐसे वीर सैनिक जो शत्रु से वीरतापूर्वक युद्ध-क्षेत्र में अपने शौर्य का प्रदर्शन करते हैं उन्हें सेना का सर्वोच्च पुरस्कार परमवीर चक्र प्रदान किया जाता है। ऐसे वीर सैनिकों की गाथा है यह पुस्तक जिसे पढ़ने से मस्तिष्क राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत होगा ही।

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Author

Rampal Singh

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