Skip to product information
1 of 1

Raat Ki Sigri, Chaand Ki Roti

Raat Ki Sigri, Chaand Ki Roti

Rajender Raj

SKU:

चाँद इश्क़ की आँच पे गोल रोटी-सा सुलगने लगा रात सिगड़ी-सी जलती रही हुस्न की शमा पिघलती रही। - 'रात की सिगड़ी, चाँद की रोटी चाहत की पीली सरसों को दिल के कत्थई अरमानों को इश्क़ की सतरंगी इनायत को जिन्दगी के करिश्माई रंग को देखो दिल की नज़र से। - 'देखो दिल की नज़र से' गुनगुनी धूप के सिक्के शबनम के नायाब मोती खुशबुओं के मख़मली गलीचे बहारों के साये प्यार में तुमको क्या हूँ? - 'प्यार में तुमको क्या दूँ' आकाश की तश्तरी में सितारों के शक्करपारे रात की मटकी में जमी चाँदनी की दही में जाइका ज़िन्दगी का। - 'जाइका ज़िन्दगी का' दिवस के छन्दों में प्रकृति के रंगों में तुम्हारी देह की सुगन्ध है मेरी धड़कनों का राग है यह जीवन का जादू है। -'यह जीवन का जादू है'

Quantity
Regular price INR. 495
Regular price Sale price INR. 495
Sale Sold out
Shipping calculated at checkout.

Binding

Hard Cover

Author

Rajender Raj

View full details