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Rajdhani Delhi Aur Lard harding Bam Kand

Rajdhani Delhi Aur Lard harding Bam Kand

P.Satyanarayan Sharma

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'कोरोनेशन दरबार' के आयोजन में अंग्रेज सरकार की कूटनीति थी। भारत आकर राज्याभिषेक कराने के पीछे अंग्रेजी सत्ता की यह सोच थी कि वह भारत की जनता को यह सिद्ध कराना चाहते थे कि भारत अंग्रेजी सत्ता का केवल एक उपनिवेश मात्र नहीं है वरन उसका अविभाज्य अंग है। अंग्रेज सरकार भारत की जनता को संदेश देना चाहती थी कि भारत के पूर्ववर्ती राजाओं की तरह जार्ज पंचम पूज्यनीय और सम्माननीय हैं। अतः भारत की जनता श्रीराम, धर्मराज युधिष्ठिर, विक्रमादित्य, समुद्रगुप्त, हर्षवर्धन सम्राटों की तरह तथा बाबर, अकबर, औरंगजेब से लेकर बहादुर शाह जफर तक बादशाहों की तरह जार्ज पंचम को भी अपना माननीय सम्राट समझे। वह अपनी महारानी के साथ अपनी राजगद्दी की घोषणा करने के लिए नहीं बल्कि भारत की जनता को संवैधानिक गौरव प्रदान करने के लिए यहाँ कृपा करके आ रहे हैं। उनकी सत्ता को किसी प्रकार की चुनौती देना पूरी तरह राजद्रोह माना जाएगा। 12 दिसंबर 1911 को जार्ज पंचम ने दिल्ली को भारत की राजधानी बनाने की घोषणा की। इससे पहले कलकत्ता (कोलकाता) भारत की राजधानी थी। दिल्ली को राजधानी बनाने की घोषणा के बाद 23 दिसंबर 1912 को प्रथम बार लार्ड हार्डिंग दिल्ली में सम्राट के प्रतिनिधि के रूप में दिल्ली में प्रवेश करने वाले थे। भारत भर के क्रांतिकारियों ने उनके दिल्ली आगमन को चुनौती देने की ठानी और बंगाल के सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी, रासबिहारी बोस के नेतृत्व में चाँदनी चौक में लार्ड हार्डिंग पर बम फेंका गया जिसमें लार्ड गंभीर रूप से घायल हो गए। ब्रिटिश साम्राज्य की चूलें पूरी दुनिया में हिल गई।

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Author

P.Satyanarayan Sharma

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