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Ramkatha ka Itihas (Prashnottri)

Ramkatha ka Itihas (Prashnottri)

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यह पुस्तक डॉ- अरविन्द अरोड़ामुक्तद्वारा लिखित मूल पुस्तकरामकथा का इतिहासपर आधारित प्रश्नोत्तरी शैली में लिखी गई है। मूल पुस्तक के मुकाबले यह संक्षिप्त है। लेखक का मानना है कि राम की कथा ऐतिहासिक थी परन्तु इस सच्ची घटना को कल्पना और धर्म की चादर से ढक दिया गया। इसी चादर को हटाकर राम की कथा को ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में लिखने का प्रयास किया गया है। रामायण की घटनाओं को ऐतिहासिक, भौगोलिक एवं राजनीतिक दृष्टिकोण से आंका गया है। इस पुस्तक में रामकथा का आधार वाल्मीकि रचित रामायण है कि तुलसी रचित रामचरित मानस। प्रमुख घटनाओं को वाल्मीकि रामायण की भांति प्रस्तुत किया गया है। केवल कुछ असंभव, अवैज्ञानिक लगने वाली बातों को हटाया गया है या उन्हें वैज्ञानिक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। उदाहरण के तौर पर यह मान कर चला गया है कि रावण एक आतंकी सरगना था, उसकी शक्ति इतनी बढ़ती जा रही थी कि अगर उसे नहीं रोका जाता तो एक दिन उत्तर भारत भी उसके साम्राज्य के अन्तर्गत जाता। राम ने दक्षिण की स्थानीय जनजातियों, जो वानर, रीछ और लंगूर नाम से जानी जाती थीं, को संगठित किया और रावण को चुनौती दी। राम ने अयोध्या साम्राज्य का विस्तार किया और उसे लंका की सीमा तक पहुंचाया।

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