Sada Prasann Rahney Ke Dus Niyam
Sada Prasann Rahney Ke Dus Niyam
Dr.Pavitra Anand Sharma
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आदमी सोचता है कि कोई बड़ी प्राप्ति कर लेने से या ढ़ेर सारा रुपया कमा लेने से उसको ज़िंदगी में प्रसन्नता या सुख मिलेगा। इसी आशा और तृष्णा को मन में लिए वह अपने काम और व्यापार को दिन पर दिन बढ़ाए जाता है। लेकिन यह सब उसके मन का भ्रम है। ज़िंदगी की खुशियाँ किसी बड़ी प्राप्ति या ढ़ेर सारी धन-दौलत में नहीं बल्कि छोटी-छोटी बातों , छोटी-छोटी प्राप्तियों या उपलब्धियों में छिपी रहती हैं। सबसे छोटी उपल्ब्धि है- भूख लगने पर भोजन प्राप्त हो जाना और प्यास लगने पर पानी उपलब्ध हो जाना। यदि हमें समय पर भोजन-पानी प्राप्त हो जाता है तो इसके लिए हमें ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए। ऐसे ही प्रसन्न रहने के 10 नियमों को पुस्तक में सरल-सहज भाषा में समझाया गया है।
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Hard Cover
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Dr.Pavitra Anand Sharma
