Safalta Ke Shikhar Tak
Safalta Ke Shikhar Tak
Dr. Pavitra Kumar Sharma
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जिन्दगी में सफल होना कौन व्यक्ति नहीं चाहता, लेकिन पूर्ण सफलता एक ऐसी अनमोल वस्तु है, जो सबको सब जगह पर नहीं मिलती। आदमी अपने कार्यक्षेत्र में सफलता पाने के प्रयास अपने तरीके से करता है। जब उसका तरीका अनुभव युक्त तथा सारगर्भित नहीं होता, तो उससे सफलता पाने में कहीं-न-कहीं चूक हो जाती है और यही चूक उसकी हार या पराजय का परिणाम होती है, जिसे हम 'असफलता' कह सकते हैं। अपने कार्य के लक्ष्य को पा लेना या कार्य के वांछित परिणाम तक पहुँचना ही 'कार्य की सफलता' कहलाती है। एक बारहवीं क्लास का विद्यार्थी यदि अपनी वार्षिक परीक्षाओं में उच्चतम अंक ले आता है तो इसे उसकी सफलता या प्राप्ति ही माना जाता है। केवल अपनी पढ़ाई करना ही उसके जीवन का लक्ष्य नहीं है। पढ़ाई करना या रोजाना नियमित रूप से अध्ययन करना तो उसके लक्ष्य का अभ्यास है लेकिन लक्ष्य है उसका परीक्षा में अच्छे अंक लाना। जिन लोगों को अपने लक्ष्य का पता होता है, केवल लक्ष्य का पता ही नहीं, बल्कि जल्दी-से-जल्दी लक्ष्य को पा लेने की धुन भी उनके अन्दर लगी रहती है-लक्ष्य प्राप्ति से सम्बन्धित सभी प्रकार की स्थितियाँ उसके अनुकूल हो जाती हैं। अपने कार्य की धुन के कारण लक्ष्य से सम्बन्ध रखने वाली प्रतिकूल परिस्थितयों को भी वह अपने अनुकूल बना लेता है। सफलता प्राप्ति में कई प्रकार के विघ्न भी आते हैं इनको कैसे दूर किया जाए, ऐसी सभी जानकारियां पुस्तक में सम्मिलित है।
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Hard Cover
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Dr. Pavitra Kumar Sharma
