Sakaratmak Soch Ki Adbhut Shakti
Sakaratmak Soch Ki Adbhut Shakti
Dr. P.K.Sharma
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प्रत्येक मनुष्य के अन्तरात्मा के अंदर एक बहुत बड़ी ऊर्जा छिपी हुई है। वह ऊर्जा सोच की ऊर्जा या विचार की ऊर्जा अथवा संकल्पों की ऊर्जा इसी ऊर्जा की बदौलत इंसान जगत में सारे कार्य कर पाता है। केवल साधारण कार्य ही नहीं, बड़े से बड़े महान कार्य इसी वैचारिक ऊर्जा या सोच की वजह से होते हैं। सोच या विचार के दो रूप हैं सकारात्मक रूप तथा नकारात्मक रूप सकारात्मक सोच का मतलब है अच्छे विचार या स्वस्थ विचार। जो व्यक्ति की खुद की उन्नति में भी सहायक हों तथा उन विचारों से समाज के अन्य लोगों की भी उन्नति हो अथवा समाज के लोगों का भला हो। इस तरह के विचार प्रेम, दया, शान्ति, अहिंसा और सद्भावना जैसे गुणों से सम्पन्न होते हैं। दूसरी तरफ कुछ विचार ऐसे भी होते हैं, जो मानव जीवन के लिए घातक हैं। इन विचारों के फलस्वरूप आदमी अपने भीतर ही भीतर तनावग्रस्त हो जाता है। इस तरह के विध्वंसकारी या अपकारक विचारों को 'नकारात्मक विचार' कहा जाता है। ईर्ष्या, द्वेष, घृणा, वैरभावना, स्वार्थ, हिंसा, कपट, तिरस्कार, क्रोध तथा अभिमान ऐसे ही कुछ विचार हैं। पुस्तक में सकारात्मक सोच विचारों को अपनाने के तरीकों आदि के बारे में बाताया गया है जिससे मनुष्य जीवन में उन्नति प्राप्त कर सके।
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Hard Cover
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Dr. P.K.Sharma
