Sakaratmak Soch ki Kahaniyan
Sakaratmak Soch ki Kahaniyan
Ghamandilal Agarwal
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आज संयुक्त परिवारों का बोलबाला नहीं है। संयुक्त परिवारों में माता-पिता, ताऊ-ताई, चाचा-चाची और भाई-बहनों के अतिरिक्त दादा-दादी मिल-जुल कर जीवनयापन किया करते थे। दादा-दादी बच्चों को संरक्षण तो देते ही थे, संस्कारों का अमूल्य खजाना भी लुटाते थे। नाना-नानी भी जीवन को सँवारने में विशिष्ट भूमिका निभाते थे। आज एकल परिवार हैं । एकल परिवारों में माता-पिता एवं सीमित भाई-बहन ही हैं । फिर कहानियाँ कौन सुनाए? इसी उद्देश्य से प्रस्तुत है यह कहानियों का सुंदर गुलदस्ता। इस गुलदस्ते की कहानियाँ देश के सुप्रसिद्व बाल साहित्यकारों की लेखनी से उपजी हैं जो बालकों में सकारात्मक सोच को तो प्रेरित करेंगी ही और साथ ही उनका मनोरंजन भी करेंगी। बड़े आकार, मोटे अक्षरों की आकषित चित्रों से सुसज्जित सजिल्द पुस्तक है।
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Binding
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Hard Cover
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Ghamandilal Agarwal
