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Sankalp Se Safalta ki Ore

Sankalp Se Safalta ki Ore

Ghamandilal Agarwal

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इस पुस्तक में ऐसे कुछ व्यक्तियों के जीवन की संघर्ष-गाथाएँ हैं जिन्होंने साध नहीन होते हुए भी शिखर को छुआ। निराशाएँ स्वयं ही उनके मार्ग से हटीं, बाधाओं की बदलियाँ छँटीं और कटुताओं की मीनारें भी गिरीं। सफलता, नित्य नवीन सफलता वे पाते चले गए। क़दम जो आगे बढ़ाए, कभी भूलवश पीछे नहीं हटाए। तभी तो कहा गया है- जीवन उनका नहीं युधिष्ठिर जो इससे डरते हैं, यह तो उनका हिम्मत से जो इसको तय करते हैं। वर्तमान समय की इन विभूतियों से नयी पीढ़ी के बच्चे, किशोर एवं युवा प्रेरणा ले सकें तों पुस्तक का उद्देश्य सार्थक होगा और मेरे लेखन को बल मिलेगा। नया करने की चाह कभी मरनी नहीं चाहिए अन्यथा सब कुछ स्वाहा हो जाएगा, ध्वस्त हो जाएगा और परास्त हो जाएगा उम्मीदों का राजकुँवर। आशा का दामन थामकर प्रयास के घोड़े दौड़ाइए, उपलब्धियों के नए-नए मुकाम पाइए। जी, हाँ! सपनों को आधार नया देना, सपनों को आकार नया देना, सपनों को पालो इन नयनों में सपनों को संसार नया देना।

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Hard Cover

Author

Ghamandilal Agarwal

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