Shanti Ki Vijay
Shanti Ki Vijay
Rajender Pandey
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मन आपका स्वस्थ नहीं है तो निश्चित रूप से आप भी स्वस्थ नहीं हैं। आधुनिक जीवन के दबावों को आजकल हर व्यक्ति महसूस करता है और दिन-भर-भागते-दौड़ते शाम तक मानसिक रूप से इतना थक जाता है कि वह गुस्सा और झुंझलाहटों से भर जाता है। काम की अधिकता, और रिश्तों में आई कड़वाहट मन को बेचैन, अशांत और तानवग्रस्त कर देती है। आजकल रिश्ते जितनी तेजी से बनते हैं, उतनी ही तेजी से टूट भी जाते हैं और यह टूटन मन को उद्विग्न, उग्र और बेचैन कर देती है। आपका मन भी उद्विग्न, तनावग्रस्त और बेचैन है, तो आप उसके कारणों को ढूँढे, फिर अपने स्तर पर सूझ-बूझ से और खूबसूरत विचारों से मन को शांत करें क्योंकि अशांत मन आसानी से कब जाता है और शांत मन रचनात्मक तथा आत्मविश्वासी होता है। ऐसे अनेकों उपाय पुस्तक में सरल सुबोध भाषा शैली में दिये गये हैं जोकि पाठक की मानसिक शांति के लिए उपयोगी हैं।
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Hard Cover
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Rajender Pandey
