Vyavhar Kushalta Ke 28 Niyam
Vyavhar Kushalta Ke 28 Niyam
Rakesh Kumar
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व्यवहार-कौशल वैयक्तिक क्षेत्र होने के कारण, व्यवहार तत्वों व व्यक्तिगत संवेगों व व्यवहार प्रक्रिया की आधारभूत जानकारी ही प्रस्तुत का उद्देश्य है। उनका सम्मिलित प्रयोग व्यक्ति के विवेक पर आश्रित है। विवेक अथवा निर्णय जो अनुभव से जुड़कर प्रभावी व्यवहार का कारण बनते हैं- यही वैयक्तिक (सामाजिक परिप्रेक्ष्य में) उपलब्धि भी है। अतः व्यक्ति को बुद्धिमान बनाना सभी दर्शन-शास्त्रों व मनोविज्ञानों का उद्देश्य हो जाता है। व्यवहार के उद्देश्य को जानकर उसी हिसाब से व्यवहार किया जाना अर्थात् व्यवहार सन्तुलन व नियन्त्रण को भी वैयक्तिक-व्यवहार प्रभाव का आरम्भ माना जा सकता है व्यवहार व्यवस्था है- मानव और समाज के बीच संवाद की। अतः सामाजिक स्वीकृत शैली व तरीकों को उसी क्रम में जानकर ही प्रभावी बनाया जा सकता है। फिर चाहे व्यवहार का आधार वास्तविक तथ्यों पर हो या न हो।
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Rakesh Kumar
